ये तो जिद है ,
हमने तो दिल रखने के लिए कहा था की
तारें तोड़ लायेंगें,
अब वो तारों की जिद में मुह फुलाएं बैठे है
एक किताब खरीदी थी उर्दू की
की कुछ नए शब्दों के साथ उसे
कुछ नया सुनायेगे वो है कानो में
ठेपी लगाये बैठे है
रोज की तरह, हुआ है दिन
और ........
शाम भी
ना है...... कल की तरह वो आराम भी
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