कॉलेज की कुछ यादे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दिल से ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
जितना दूर रहा उतना ही पास रहा
हर पल अब तो कुछ ख़ास
रहा मीलो थे फासले जहन में दोस्तों का नाम रहा
चाय की चुस्की के बाद
किसी पर किसी पर बिल थोपना भी बड़ा काम रहा
छोटी छोटी बातो पर हसना
बिन बातो के गुस्सा होना भी अब स्वप्न रहा
लड़े झगडे बहुत झगडो में प्यार बेसुमार रहा
जब आया जन्म दिन किसी का
केक चहरे पर पुता उसमे भी अपना प्यार रहा
जब न होता कोई दोस्त तब
उसकी मिमिकरी कर ठहाके लगाना भी एक त्यौहार रहा
Monday, August 10, 2009
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