कुछ मृदंग संग लिए
हृदय चित्त में उमंग लिए
तेरी प्यारी धानी चुनर संग लिए
आया तुझसे मिलने प्रित ऋतू संग लिए
बिता विरह अब मिलन आया
इस वियोग ने बहुत तरसाया
नभ पर अब में ही में छाया
देख मेरा प्रेम कितने प्यारे रंग लाया
अब अंग-अंग भी तेरा खिल आया
शीतल पवन का झौका लिए
तेरे केशुओ को फ़िर शहलाया
मधुर मिलन की बेला में
आशु खुशी के छलकाया
मेरी प्रियाशी धरती
में बादल तुझसे मिलाने फ़िर आया ,,,,,,,,,,,,,,।
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