Thursday, July 16, 2009

मधुर मिलन

कुछ मृदंग संग लिए

हृदय चित्त में उमंग लिए

तेरी प्यारी धानी चुनर संग लिए

आया तुझसे मिलने प्रित ऋतू संग लिए

बिता विरह अब मिलन आया

इस वियोग ने बहुत तरसाया

नभ पर अब में ही में छाया

देख मेरा प्रेम कितने प्यारे रंग लाया

अब अंग-अंग भी तेरा खिल आया

शीतल पवन का झौका लिए

तेरे केशुओ को फ़िर शहलाया

मधुर मिलन की बेला में

आशु खुशी के छलकाया

मेरी प्रियाशी धरती

में बादल तुझसे मिलाने फ़िर आया ,,,,,,,,,,,,,,।

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