Friday, June 9, 2017

Meri Maati (मेरी माटी)

एक माटी भीगे क्यों है
कोई माली सींचे क्यों है
गीली ज़मीन तर बतर
मन इस कदर क्यों है
भीगता नहीं दिल
इस कदर गेरूआ क्यों है
छूटता नहीं रंग
अंग-ढंग  फूहड़ सा क्यों है
लंबा सफर ख्वाब का
करवट का मोड़ इतना छोटा क्यों है
बड़ा रास्ता छोटा वास्ता
घर छिटक कर
दूर जाता क्यों है
इस बड़ी सी दुनिया में
मेरी माटी भीगे क्यों है

                             मन कुमार (मनोज कुमार)

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