दौड़ भाग ऊचाई पर बैठा काग बेसूरा हुआ राग ठगे कौन ठाग बड़े बड़े हैं दाग राजनीति के भाग पेट में जलें हैं आग ये कौन सी चाल लोकतंत के बाग में बाघ घुस गये जनाब....जाग जागl
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