जरा सा बाजार है
बाकि सब बाजारू
ग्लोबलाएजासन के दौर में
बिक रही दारू
टी वी बहुत है
सीरियल बहुत है
बहुत है न्यूज
पर ब्रेकींग न्यूज के चक्कर में
सब खबर बाजारू
कौन-कौन है नेता
वोट कौन है देता
पैसा कोई उछालकर
बड़े बड़े विज्ञापन है देता
ख़ुशी के मारे फिर गरीब
बाज़ार में होता
जरा सा बाजार होता
बाकि सब बाजारू बेचारा फिर हुआ बेआबरू............................. ।
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